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दो रिटायर्ड अभियंताओं पर हुआ दर्ज मुकदमा ,परियोजना के भुगतान में की थी हेरा फेरी

 एक करोड़ रुपये के भुगतान में गड़बड़ी का आरोप है




पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, महाराजगंज 

महाराजगंज

रोहिन वीयर के निर्माण में गड़बड़ी की आंच ठंडी भी नहीं हुई है कि मौन नाला पुनर्स्थापना परियोजना में भ्रष्टाचार का जिन्न बाहर आ गया है। रोहिन वीयर घोटाले. में सेवानिवृत्त चार अभियंताओं पर केस दर्ज हुआ था, जबकि मौन नाला से जुड़े भ्रष्टाचार में दो सेवानिवृत्त अभियंताओं पर सदर कोतवाली में केस दर्ज कराया गया है। इन पर एक करोड़ रुपये के भुगतान में गड़बड़ी का आरोप है।

मौन नाला पुनर्स्थापना परियोजना के भुगतान में गड़बड़ी के आरोप में तत्कालीन अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड-दो अवध कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) और तत्कालीन सहायक अभियंता सिचाई खंड-दो लालजी सिंह (सेवानिवृत्त) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता चतुर्थ, सिचाई खंड-द्वितीय मोहम्मद खालिद ने तहरीर दी है जिसके

अनुसार 14 दिसंबर 2022 को तत्कालीन अधिशासी अभियंता अवध कुमार सिंह ने मौन नाला पुनर्स्थापना परियोजना के कार्यों के एवज में 104.558 लाख का भुगतान न कर देनदारियां सृजित कर दीं। इसके साथ ही तत्कालीन सहायक अभियंता लालजी सिंह ने 4.66 लाख के अनुबंध के सापेक्ष 4.74 लाख का भुगतान कर दिया। तहरीर में कहा गया है कि दोनों अधिकारी चाहते तो धन के दुरुपयोग को रोक सकते थे।

मामले में उत्तर प्रदेश शासन सिंचाई एवं जल संसाधन अनुभाग-6, कार्यालय प्रमुख अभियंता (जांच अनुभाग) सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की ओर से जांच की गई तो तत्कालीन अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता दोषी पाए गए। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक आनंद कुमार गुप्ता ने बताया कि जांच की जा रही है।

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