अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की पुनः दुहराई मांगे
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, बलिया (विधि संवाददाता)
बलिया। सिविल कोर्ट व कलेक्ट्रेट कोर्ट के अधिवक्ताओं ने
हापुड़ जनपद में वकीलों पर पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठी से पीटकर फर्जी मुकदमा कायम करने के विरोध में सोलहवें दिन उत्तर प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया। जबकि इतने दिनों अधिवक्ताओं का अनवरत हड़ताल जारी है और बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश इलाहाबाद के आह्वान पर अधिवक्ताओं द्वारा कभी डी.जी.पी तो कभी मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के विरोध में संघर्ष करते रहे लेकिन शायद अभी तक इतने दिनों के हड़ताल से वकीलों को क्या प्राप्त हुआ? सर्व विदित है। जिस दिन मुख्य सचिव व डी.जी.पी का विरोध प्रदर्शन तथा पुतला दहन बार काउंसिल के आह्वान पर वकीलों द्वारा किया गया था उसी दिन क्रिमिनल एंड रेवेन्यू बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कौशल कुमार सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा गया था कि अधिवक्ताओं द्वारा यह धरना प्रदर्शन डी.जी.पी व मुख्य सचिव के विरोध में प्रदर्शन व पुतला दहन किया जा रहा है। शायद उचित नहीं था प्रारंभ में ही सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन व पुतला दहन होना चाहिए। क्योंकि नौकरशाह तो सरकार के सरकारी मशीनरी का कार्य करते है। इन्हें न्याय अन्याय से क्या लेना देना है। अधिकारी अपने बुद्धि विवेक व ईमानदारी के सहारे कार्य कर रहे है। शायद संख्या बहुत कम है और नकारात्मक की संख्या अधिक है। अधिवक्ता बंधुओ को इतना तो कम से कम सद्बुद्धि आया की हमें किसके खिलाफ लड़ना चाहिए।
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