जेडचार मई को विपक्षियों को फंसाने के लिए रची थी अपहरण की झूठी कहानी*
राजीव शंकर चतुर्वेदी
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो
बलिया। चार मई की रात हथियार के बल पर सुखपुरा थाना के घसौटी निवासी अपहृत अजय कुमार तिवारी प्रकरण में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। 11 मई को सीसीटीवी फुटेज में नरायानापाली गांव के पास आटो रिक्शा से घूमते व जूस पीते हुए देखा गया था। उधर, पुलिस भी तलाश कर ही रही थी कि 12 मई की शाम अपहृत अजय तिवारी पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्वयं उपस्थित हुए और बताया कि उनका कोई अपहरण नहीं हुआ था। वह स्वयं चले गए थे और आज यहां स्वयं उपस्थित भी हुआ हूं। इसके बाद पुलिस ने अग्रिम कार्रवाई करते हुए अजय तिवारी का मेडिकल मुआयना कराकर परिजनों को सकुशल सुपुर्द कर दिया। मंगलवार को पुलिस लाइन के सभागार में पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने मीडिया के समक्ष जानकारी दी।
पूछताछ में अजय तिवारी ने बताया कि 29 अप्रैल 2025 की रात मेरे पुत्र महामृत्युजंय तिवारी व मेरे परिजनों के साथ लघुशंका करने को लेकर मारपीट हुई थी। इस मामले में थाना सुखपुरा में मुकदमा भी पंजीकृत है। लेकिन पुलिस द्वारा विपक्षियों के विरूद्ध उचित कार्रवाई नहीं की गई। जिससे मैं काफी आहत था। जिन्हें फंसोन के उद्देश्य से मैं चार मई की रात्रि में समय करीब एक व दो बजे के बीच में अपनी पत्नी को बताकर घर से निकल गया। इसके बाद मैं घर से पैदल ही खेत के रास्ते होते हुए बरवाँ से बलिया होते हुए गंगाजी के किनारे होते हुए जमनिया चन्दौली बार्डर तक चला गया। बीच-बीच में मुझे कहीं कोई खाना दे देता था तो मैं वही खा लेता था। 11 मई 2025 को मुझे अचानक चिंता हुई कि मैं घर से बाहर निकल गया हूँ मेरे परिवार वाले परेशान हो रहे होंगे। इसलिए मैं पुनः अपनी मर्जी से जमनिया से ट्रेन पकडकर वापस बक्सर आया और बक्सर से आटों पकड़कर बलिया आया। बलिया से मैं नारायण पाली थाना गड़वार क्षेत्र में आया, जहाँ पर मैं अपने कई परिचितों से मिला। कुछ परिचितों ने बताया कि आपके घर वालों ने अपहरण का मुकदमा थाना सुखपुरा पर लिखवाया है। इसके बाद मैं आपके समक्ष उपस्थित हुआ।
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