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धनेगा में पुराना खड़ंजा उखाड़कर मानकविहीन नालियों का निर्माण, भ्रष्टाचार की पोल खोलती जमीनी हकीकत


ग्राम पंचायत धनेगा में भ्रष्टाचार का बोलबाला, खुलेआम नियमों को तक पर रखकर उड़ाई गई धज्जियां


सीडीओ ने जांच की बात कह कर झाड़ा पल्ला


पूर्वांचल राज्य समाचार


पीलीभीत,पूरनपुर। प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के संकल्प के बावजूद जमीनी स्तर पर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी का एक ताजा उदाहरण विकास खंड पूरनपुर की ग्राम पंचायत धनेगा में देखने को मिला, जहां सरकारी धन के दुरुपयोग का बड़ा मामला सामने आया है। यहां पुराने खड़ंजे को उखाड़कर उसी की ईंटों से नालियों का निर्माण कर दिया गया, जबकि बची हुई ईंटों को तोड़कर सड़क निर्माण में इस्तेमाल किया गया। ग्राम पंचायत धनेगा के मौजा मोहराई में चल रहे मनरेगा कार्यों की जांच के दौरान भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, ग्राम प्रधान नाबिर और ग्राम पंचायत सचिव अरेंद्र गंगवार ने चहेते ठेकेदार मतलूब नामक व्यक्ति को मनमाने ढंग से कार्य सौंपकर नियमों को ताक पर रख दिया। सामुदायिक शौचालय के सामने बने पुराने खड़ंजे को उखाड़कर उसकी ईंटों को सड़क किनारे मानकविहीन तरीके से लगाकर नालियों का निर्माण कर दिया गया। इस गड़बड़ी को छिपाने के लिए पुरानी ईंटों पर बालू का प्लास्टर कर दिया गया, लेकिन भ्रष्टाचार की गवाही देती ईंटें साफ नजर आ रही हैं। ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सामुदायिक शौचालय से लेकर छिद्दन के घर तक, अखलाक के घर से सफातुल्ला के घर तक, बन्ने खां के घर से अच्छन बीडीसी के घर तक और मनरेगा भवन के दक्षिण तक सभी गलियों में पुराने खड़ंजे को उखाड़कर ईंटों से नालियां बना दी गईं। वहीं, बचे हुए खड़ंजे की ईंटों को तोड़कर रोड़ा बनाया गया और उस पर इंटरलॉकिंग बिछाकर सचिवालय के समीप नाली क्रॉस पर मानकविहीन पुलिया का निर्माण कर दिया गया। जब इस संबंध में जानकारी लेने के लिए तकनीकी सहायक प्रवीण कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कॉल रिसीव करना उचित नहीं समझा। वहीं, खंड विकास अधिकारी से संपर्क करने पर उनके सहायक ने बताया कि बीडीओ इलाहाबाद गए हैं और सोमवार को वापस लौटने पर ही कुछ कहा जा सकता है। इस पूरे मामले की जानकारी जब मुख्य विकास अधिकारी कुमुदेन्द्र कलाकार सिंह को दी गई, तो उन्होंने संज्ञान लेते हुए जांच कराने और आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही। अब देखना यह होगा कि प्रशासन भ्रष्टाचार के इस मामले में कब तक और कितनी सख्त कार्रवाई करता है, या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।

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