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सुखदासपुर नवदिया में ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक की खुली लूट: मनरेगा में बिना कार्य कराए लाखों रुपए लगाए ठिकाने



मनरेगा योजना में ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक ने किया बड़ा भ्रष्टाचार


पूर्वांचल राज्य समाचार जिला संवाददाता शबलू खा


पीलीभीत, कलीनगर में मनरेगा योजना के तहत गांव में विकास कार्यों की जगह घोटाले का खेल खेला जा रहा है। ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक की मिलीभगत से बिना कोई काम कराए ही लाखों रुपये का भुगतान कर लिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि रोजगार सेवक और ग्राम प्रधान ने सरकारी धन को हड़पने के लिए नवदिया सुखदासपुर में कागजों में नाले खुदवाकर और मिट्टी कार्य दिखाकर पूरा पैसा निकाल लिया, जबकि धरातल पर कोई काम नहीं हुआ।ग्रामीणों ने शिकायती पत्र में स्पष्ट किया कि जिन स्थानों पर कार्य दिखाया गया, वहां एक फावड़ा मिट्टी तक नहीं हटाई गई। अनवर के खेत से उबैद के खेत तक, पप्पू के खेत से श्रीपाल के खेत तक, पतिराम के खेत से ओमप्रकाश के खेत तक, रामऔतार के खेत से नहर तक, शकीरा के खेत से ताजुद्दीन के खेत तक और राहुल के खेत से तोताराम के खेत तक नाला खुदाई का दावा किया गया, लेकिन ये सभी कार्य पूरी तरह फर्जी बताए जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान और रोजगार सेवक ने आपस में साठगांठ कर सरकारी पैसे का जमकर गबन किया। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि रोजगार सेवक ने जॉब कार्ड धारकों के खाते से भी पैसे उड़ा दिए, गांव के कई जॉब कार्ड धारकों ने आरोप लगाया कि रोजगार सेवक ने उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लिए। कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने कभी काम किया ही नहीं, फिर भी उनके नाम पर भुगतान दिखाकर पैसे का बंदरबांट कर लिया गया। ग्रामीणों के अनुसार, इस पूरे भ्रष्टाचार में ग्राम प्रधान और सचिव की भूमिका भी संदिग्ध है। सचिव की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा खेल संभव ही नहीं है।गांव के महेंद्र, कृपाल, विनोद कुमार, मीना देवी समेत कई ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर प्रशासन को शिकायत पत्र सौंपा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे घोटाले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में सरकारी योजनाओं का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़े। मनरेगा जैसी योजना ग्रामीण विकास के लिए बनाई गई है, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण यह अपने उद्देश्य से भटक रही है। ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक और सचिव की इस मिलीभगत पर अगर जल्द ही सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह भ्रष्टाचार और भी बढ़ता जाएगा। अब देखना यह है कि प्रशासन इस घोटाले पर क्या कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।

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