चित्तु पांडेय का त्याग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है उमाशंकर पाठक
राजीव शंकर चतुर्वेदी
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो
बलिया। चित्तु पांडेय चौराहे पर शुक्रवार को शेरे बलिया चित्तु पांडेय की 78वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस दौरान चित्तु पांडेय की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। सभा स्थल शेरे बलिया चित्तु पांडेय अमर रहें और भारत माता की जय' के नारों से गूंज उठा। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उमाशंकर पाठक ने कहा, शेरे बलिया चित्तु पांडेय का त्याग, तपस्या और बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। उनके योगदान को याद कर हम स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं। देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने की उनकी भावना हम सबके लिए प्रेरणा है। भाजपा नेता जावेद कमल खान ने कहा, चित्तु पांडेय जैसे सेनानियों की बदौलत ही हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। बलिया को आजादी से पूर्व 14 दिनों तक 'आजाद भारत' का गौरव प्राप्त हुआ, जो भारत के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय है।"इस अवसर पर कांग्रेस और भाजपा सहित कई दलों के नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। प्रमुख लोगों में ओमप्रकाश तिवारी, शक्ति प्रताप सिंह एडवोकेट, जयराम सिंह, शाहिद अली, आशुतोष ओझा, अभिषेक यादव और कई अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन सागर सिंह राहुल ने किया, जबकि आभार प्रकट करते हुए चित्तु पांडेय के प्रपौत्र जैनेंद्र पांडेय 'मिंटू' ने कहा, यह गर्व का क्षण है कि हमारे पूर्वजों ने बलिया को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उनकी विरासत को संजोए रखना हमारी जिम्मेदारी है। चित्तु पांडेय स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे नायक थे जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद की। बलिया को आजाद बलिया के रूप में पहचान दिलाई। उनके योगदान को याद कर बलिया के लोगों ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।
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