पूर्वांचल राज्य ब्यूरो महाराजगंज
घुघली
महराजगंज,जिला प्रशासन भले ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर बड़ी संख्या में छह साल तक की उम्र के बच्चों को पोषण के साथ प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराने की बात करें। लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट दिखाई देती है। स्थिति यह है कि जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर अक्सर बहुत कम बच्चे दिखाई देते है,कहीं तो केवल एक-दो बच्चे दिखाई देते हैं। वहीं केंद्रों पर आने वाले बच्चों के लिए पोषाहार तक नहीं बनता। इन केंद्रों का संचालन करने वाली आंगनबाड़ी सेविकाएं अपने-अपने घरों से ही पोषाहार बनाकर लाने तथा वहां आने वाले बच्चों को खिलाने का दावा करती है, पर इन बच्चों के हिस्से में कितना पोषाहार आता है यह तो आंगनबाड़ी सेविका ही जानती हैं अथवा वे बच्चे जिन्हें इन पोषाहार का लाभ मिलता है। बताते चलें कि सदर ब्लाक गौनरिया बाबू स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर बृहस्पतिवार दि 26/9/024को कुल पंजीकृत 34 बच्चे में महज 4उपस्थित पाए गए। जबकि केंद्र पर तैनात शिक्षिका अपने एक अन्य सहायिका के साथ बच्चे को मौजूद देखी गई। इस पर जब उनसे पूछा गया कि और बच्चे कहां हैं तो उन्होंने बताया कि बच्चे को बुलाकर लाते हैं, लेकिन बच्चे सड़क दुर्घटना से डर कर नही आते हैं। बताते चलें कि यह केंद्र केवल 4 बच्चो के भरोसे संचालित है। इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि इन बच्चों का पोषाहार कहां बनता है, क्योंकि केंद्र पर भोजन बनाने का साधन मौजूद नहीं था। इस पर उसने बताया कि वह अपने घर से ही पोषाहार बनाकर लाती है तथा बच्चों को खिलाती है।
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