पूर्वांचल राज्य ब्यूरो महाराजगंज
घुघली
महराजगंज, परतावल ब्लाक अंतर्गत तरकुलवा तिवारी के समुदायिक शौचालय बंद पाया गया ।जिसका परिसर घास फूस से भरा हुआ है।यहां तक कि ग्राम सभा से किसी भी प्रकार की खरपतवार नियंत्रक दवा का छिड़काव भी नही कराया जा सका। सामुदायिक शौचालयों का ताला नहीं खुल सका है। ऐसे में गांवों में स्वच्छता की अलख जगाने की मुहिम फेल होती दिख रही है। स्वच्छ भारत मिशन पर अधिकारियों की लापरवाही भारी पड़ रही है। लाखों रुपये से बने शौचालय का संचालन ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों की मानें तो शौचालयों के संचालन का जिम्मा अपने चहेतों को दिलाने के बाद भी गांव के मुखिया शौचालय संचालन नियमानुसार शुरू कराना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।
सामुदायिक शौचालयों का निर्माण पूरा हो चुका है। इनका संचालन करने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को छह हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय व तीन हजार रुपये अन्य खर्च की मद में दिए जा रहे हैं। बावजूद इसके शौचालय बंद पाए गए है। ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालयों का कई महीनों से ताला नहीं खुला है। यहां सामुदायिक शौचालय का संचालन करने वाली समूह की महिला न केवल मुफ्त का मानदेय उठा रही हैं बल्कि साबुन, हैंडवाश समेत अन्य प्रसाधन पर होने वाला खर्च भी बराबर निकाला जा रहा है। प्रधान व पंचायत सचिव की मिलीभगत से हर माह नौ हजार रुपये बर्बाद हो रहे है।
ठीक यही हाल सेमरा चंद्रौलो के सामुदायिक शौचालय का है ।सेमरा चंद्रौली से प्राप्त खबर लोगो के द्वारा मिला की हमारे यहां का सामुदायिक शौचालय कर्मी के वेतन तथा सुविधा की सामग्री से अपना नकदी जेब भरने में लगे हुए है। यह स्वच्छता अभियान सरकार का फेल होता नजर आ रहा है।
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