पंडित बृजमोहन अवस्थी के 88 वें जन्मदिन पर सम्मानित हुई बलिया की बेटी डा. रिंकी
बारह विभूतियों को लखनऊ में आयोजित चतुर्दश सारस्वत समारोह में सम्मानित किया गया
राजीव शंकर चतुर्वेदी
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो
बलिया। पंडित बृजमोहन अवस्थी सुस्मृति संस्थान द्वारा विगत तेरह वर्षों से बुंदेलखंड के लब्ध-प्रतिष्ठ साहित्यकार पंडित बृजमोहन अवस्थी के जन्मदिन के अवसर पर प्रत्येक वर्ष एक सितंबर को समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2024 के लिए निम्नलिखित बारह विभूतियों को एफिल क्लब एल्डिको ग्रीन, गोमतीनगर, लखनऊ में आयोजित चतुर्दश सारस्वत समारोह में सम्मानित किया गया। पूर्व वर्षों में अपरिहार्य कारणोंवश सम्मान लेने न पहुंच पाने वाले साहित्यकारों को भी सम्मानित किया गया। वे हैं, सर्व संजीव जायसवाल संजय, डॉक्टर गंगा प्रसाद शर्मा गुणशेखर एवं डॉक्टर मानसी द्विवेदी, सारस्वत समारोह के अंतर्गत ही पंडित बृजमोहन अवस्थी की कृति बुंदेलखंड का सेनापति महल के नवीन संस्करण एवं डॉक्टर रिंकी रविकांत द्वारा संपादित कृति कथाकार महेन्द्र भीष्म के कहानी संग्रह बड़े साब की कहानियों का समीक्षात्मक अध्ययन का लोकार्पण भी हुआ। बाल संगीतकार अच्युत कृष्णन द्वारा गए गीत ' ए मेरे प्यारे वतन ' ने उपस्थिति जनों को भाव विभोर कर दिया। स्वागत संबोधन में संस्थान के अध्यक्ष महेन्द्र भीष्म ने संस्थान का परिचय कराते हुए सभा में उपस्थित जनों का स्वागत किया। सुप्रसिद्ध चिंतक डॉक्टर अनिल मिश्र ने अपने वक्तव्य में अवस्थी परिवार के पूर्वजों को स्मरण करते हुए। पंडित बृजमोहन अवस्थी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व में प्रकाश डाला। कुलपहाड़ से पधार नगर पंचायत अध्यक्ष वैभव अरजरिया ने पण्डित बृजमोहन अवस्थी साथ अपने बचपन के संस्मरण सुनाते हुए घोषणा कि वे उनके नाम पर कुलपहाड़ में शीघ्र ही एक पुस्तकालय खुलवाने जा रहे है। झांसी से पधारे कवि साकेत सुमन ने पंडित बृजमोहन अवस्थी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बताया कि भीष्म जब भी अपनी ससुराल बरुवासागर जाते थे तब वे मार्ग में मेरे गांव सकरार मेरे पिताजी से मिलते थे जो स्वयं बहुत बड़े कवि रहे हैं, मैं भी भीष्म जी के द्वारा आयोजित सारस्वत समारोह में अपनी उपस्थिति देता आया हूं। देश की सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉक्टर मानसी द्विवेदी ने सरस्वती वन्दना और अपने सत्र में पिता के ऊपर हृदयस्पर्शी गीत प्रस्तुत किया। नगर कुलपहाड़ से पधारे युवा कवि नीतेन्द्र चौबे ने आपकी याद के सपने न सपनों में भुलायेंगे सुनाया। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने अपने उद्बोधन में पंडित बृजमोहन अवस्थी सुस्मृति संस्थान के द्वारा आयोजित सारस्वत समारोह के सफल आयोजन के लिए पंडित बृजमोहन अवस्थी के तीनों पुत्रों और बेटियों को साधुवाद दिया और तीनों पुत्रों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए बताया कि वह भी अपने पिता न्यायमूर्ति प्रेम शंकर गुप्त के पुण्य स्मृति में पिछले 32 वर्षों से इसी तरह का आयोजन अपने गृह नगर इटावा में करते आ रहे हैं। उन्होंने अपने पिता के कार्यों के बारे में बताते हुए कहा कि अपने पूर्वजों की याद में किए जाने वाले ऐसे आयोजन उसके पूरे परिवार को शौर्यवान,और खुशहाल बनाते हैं। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. शिशिर पांडेय ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि पिछले अनेक वर्षों के बाद मुझे इतना भव्य आयोजन देखने को मिला है। सारस्वत समारोह की सफलता की बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में प्रेरणा देते हैं। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के महासचिव डॉक्टर भूपेंद्र अवस्थी द्वारा ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉक्टर सरला शर्मा द्वारा किया गया।
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