पूर्वांचल राज्य, ब्यूरो चीफ, गोरखपुर, सुनील मणि त्रिपाठी
गोरखपुर, बाबू पुरुषोत्तम दास राधारमण दास महाविद्यालय कूड़ाघाट गोरखपुर एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में खाद्य सुरक्षा जागरूकता अभियान कार्यक्रम के विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में मुख्यवक्ता गृह विज्ञान विभाग की प्रभारी सरिता सोनकर ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा से तात्पर्य खाद्य पदार्थ की सुनिश्चित आपूर्ति एवं जन सामान्य के लिए भोज्य पदार्थों की उपलब्धता से है। उन्होंने यह भी कहा कि एफ.ए.ओ. की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में अनुमानित 2 बिलियन लोग किसी न किसी प्रकार की खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसार भारत में 195 मिलियन लोग अल्पपोषित हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विकास रंजन मणि त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एक केंद्र प्रायोजित योजना।जिसे अक्टूबर 2007 में शुभारंभ किया गया। खाद्य सुरक्षा का सबसे मुख्य उद्देश्य यह है कि किसी भी व्यक्ति को खाली पेट नहीं सोना पड़े। इसका एक उद्देश्य यह भी है कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में इतना अधिशेष खाद्य रहना चाहिए ताकि आपदा से प्रभावित लोगों को समुचित मात्रा में खाद्य की आपूर्ति हो सके। कार्यक्रम का संचालन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. देव चंद प्रज्ञा ने कहा कि कृषि संगठन (एफ.ए.ओ.) के अनुसार जब हर किसी के पास सक्रिय और स्वस्थ जीवन के लिए अपनी आहार संबंधी आवश्यकताओं और खाद्य प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए हर समय पर्याप्त सुरक्षित और पौष्टिक भोजन तक भौतिक सामाजिक और आर्थिक पहुंच हो। आभार ज्ञापन ज्योति यादव द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षकगण कर्मचारीगण एवं स्वयंसेवक व स्वयंसेविकाए मौजूद थे।
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