पूर्वांचल राज्य समाचार ,महराजगंज
उपसंपादक ठाकुर सोनी व पूर्वी उ०प्र० ब्यूरो प्रभारी फणींद्र मिश्र
डाॅ. भीमराव आंबेडकर राजकीय महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान, जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान के साथ साथ अंग्रेजी के अध्यापक नहीं है। इससे छात्र छात्राओं को कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है। कोचिंग की मोटी शुल्क से अभिभावकों की जेब ढीली हो रही है।सरकार जहां एक ओर शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए रोज नए नए निर्देश जारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर शहर के डाॅ.भीमराव आंबेडकर राजकीय महाविद्यालय की स्थिति देख शिक्षा के संबंध में सारे निर्देशों पर पानी फिर जा रहा है। महाविद्यालय में बीए में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, भूगोल तथा प्राचीन इतिहास आदि विषयों की पढ़ाई होती है। इसमें अन्य सभी विषयों के अध्यापक तो हैं लेकिन अंग्रेजी के अध्यापक नहीं हैं। छात्रों को बेहतर अंक लाने के लिए कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है।
इसी तरह बीएससी के लिए जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान तथा गणित की पढ़ाई होती है। इसमें गणित व रसायन विज्ञान के अध्यापक हैं, लेकिन भौतिक विज्ञान, जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान के अध्यापक के पद रिक्त हैं। महाविद्यालय में इन विषयों की पढ़ाई नहीं होने के कारण बीएससी के विद्यार्थी मायूस हैं।
इस बाबत डॉ. भीमराव आंबेडकर राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. विनोद कुमार पाल ने बताया कि नामांकित छात्र छात्राओं को बेहतर ढंग से पढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। शिक्षकों की तैनाती शासन स्तर से होती है।
0 Comments