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नेपाल से भारत आते ही लहसुन का रेट दो गुना हो जाने से तस्कर हो रहे मालामाल


पूर्वांचल राज्य  समाचार

उपसंपादक ठाकुर सोनी व  पूर्वी उ०प्र० ब्यूरो प्रभारी फणींद्र मिश्र

महराजगंज। जनपद महराजगंज सहित उत्तर प्रदेश के तमाम जनपदों में इन दिनों लहसुन का दाम आसमान छू रहा है। कहीं 150 तो कहीं 200 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है जबकि पड़ोसी देश नेपाल में लहसुन का दाम आधा है,यही कारण है कि भारत नेपाल सरहद पर दिन हो या रात तस्कर सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर लहसुन की तस्करी कर मोटी रकम कमा रहे हैं। इतना ही नहीं सीमावर्ती बाजारों में तस्करी की चाइनीज लहसुन की भरमार है। इसे लोग खूब पसंद भी कर रहे है। यह चमकदार के साथ काफी मोटा भी है।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस समय भारत में लहसुन 150 से 200 रुपये किलो बिक रहा है। लहसुन का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। महंगाई के कारण लोग लहसुन से दूरी बना रहे हैं, लेकिन भारत के पड़ोसी देश नेपाल में यहां से आधे कीमत पर चाइनीज लहसुन बिक रहा है। ऐसे में भारत-नेपाल सरहद पर अवैध धंधा करने वाले तस्करों की नजर अब चाइनीज लहसुन पर टिक गई है।तस्कर चाइनीज लहसुन को नेपाल में 80 से 90 रुपये प्रति किलो खरीदकर सरहद से सटे गोदामों में डंप कर देते हैं। फिर तस्कर बगैर कोई गुरेज के सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर दिन हो या फिर रात छोटे-बड़े वाहनों की मदद से लहसुन की खेप को सरहद पार कर भारत लाते हैं। जहां से फर्जी बिल की मदद से सिसवा, कुशीनगर व गोरखपुर सहित अन्य मंडियों में आसानी से पहुंचाकर मोटी रकम कमा रहे हैं। हाल ही में दो जुलाई को सरहद पर बरामद ट्रैक्टर-ट्रॉली में लदी 102 बोरी चाइनीज लहसुन ने सुरक्षा एजेंसियों की सुरक्षा का पोल खोलकर रख दी है।डॉक्टरों के अनुसार इन दिनों लोगों को बाजारों में लहसुन खरीदने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि बाजारों में दिखने वाले चमकदार और मोटे चाइनीज लहसुन में फंगस होने की आशंका रहती है। साथ ही इसमें उच्च मात्रा में कीटनाशक भी होता है।

नेपाल के रास्ते आ रहा चाइनीज लहसुन

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विशेषरूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों में चाइनीज लहसुन की तस्करी के मामलों में इजाफा हुआ है। यहां पर नेपाल के रास्ते चाइनीज लहसुन लाया जाता है। भारत ने वर्ष 2014 में चाइनीज लहसुन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। फफूंद वाला लहसुन आने की रिपोर्ट के बाद इस पर बैन लगाया गया था। तस्करी किए गए लहसुन में उच्च मात्रा में कीटनाशक होने की भी आशंका जताई गई है।

 आंकड़े बया कर रहे चाइनीज लहसुन की तस्करी

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-पांच फरवरी को निचलौल कस्टम टीम ने लग्जरी वाहन से तस्करी कर लाई जा रही 8 बोरी चाइनीज लहसुन  बरामद की थी।

-17 फरवरी को एसएसबी टीम ने सरहद से सटे रेंगहिया गांव के पास से 19 बोरी चाइनीज लहसुन  बरामद की थी।

-22 फरवरी को निचलौल कस्टम टीम ने खड्डा पनिहवा मार्ग स्थित बेलवा गांव के पास से 42 बोरी चाइनीज लहसुन  बरामद की थी।

-24 जून को पथलहवा बीओपी के पास से एसएसबी ने 7 बोरी चाइनीज लहसुन की थी बरामद।

-दो जुलाई को सरहद से सटे कनमिसवा के पास से पुलिस, कस्टम और एसएसबी ने ट्रैक्टर-ट्रॉली पर लदा 102 बोरी चाइनीज लहसुन बरामद की थी।

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1 Comments

  1. अमर उजाला का एकदम कॉपी पेस्ट

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