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बिना जांच आख्या आए ही जिला विकास अधिकारी ने कर दी निलंबन की कार्रवाई

निलम्बन की कार्रवाई को लेकर हो रही तरह तरह की चर्चाएं 





पूर्वांचल राज्य ब्यूरो अम्बेडकरनगर - प्रकरण विकासखंड रामनगर के मगनपुर महिमापुर में प्रधानमंत्री आवास से संबंधित है। शोभा देवी ने 20 फरवरी को आलापुर तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर जिला अधिकारी को शिकायत दी थी कि विनोद कुमार गुप्ता ग्राम विकास अधिकारी ने अपूर्ण आवास के संपूर्ण किस्तों की भुगतान कर दिया है। जिला अधिकारी ने उक्त प्रकरण की जांच कर कार्रवाई करने हेतु परियोजना निदेशक को निर्देशित किया। परियोजना निदेशक ने खंड विकास अधिकारी से जांच कर आख्या देने का निर्देश दिया। इसी बीच जिला विकास अधिकारी ने 

दिनांक 29 फरवरी 2024 को ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करते हुए अपने आदेश में लिखा की शिकायत की जांच कराई गई जिसमें यह पाया गया कि विनोद कुमार गुप्ता द्वारा रामराज के स्थान पर शोभा देवी का मकान दिखाकर समस्त किश्तों का अनियमित तरीके से भुगतान कर दिया साथ ही आवास की मनरेगा योजनान्तर्गत 82 दिन की मजदूरी का भी भुगतान कर दिया। जिला विकास अधिकारी द्वारा जारी निलंबन आदेश के बाद ग्राम विकास अधिकारी संघ  ने जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया जिसमें उनकी मुख्य मांगे थी कि केवल शिकायत पर किसी का निलंबन कैसे कर दिया गया है जब कि अब तक न तो कोई जांच की गई और न ही स्पष्टीकरण लिया गया। ऐसे में कैसे निलंबन हो गया। संघ के आरोप के बाबत जब जानकारी की गयी तो जिला विकास अधिकारी के आदेश में भी केवल इतना लिखा गया है कि प्रकरण की जांच कराई गई यह नहीं लिखा है कि किस से जांच कराई गई किसने रिपोर्ट दी जब इस बारे में जिला विकास अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि खंड विकास अधिकारी रामनगर से जांच कराई गई है जब खंड विकास अधिकारी रामनगर से पूछा जाता है तो वह बता रहे हैं कि परियोजना निदेशक का पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें उन्होंने जांच कर आख्या देने का निर्देश दिया है उस पत्र के अनुपालन में मेरे द्वारा विनोद कुमार गुप्ता से एक मार्च को स्पष्टीकरण मांगा गया विनोद कुमार गुप्ता ने एक मार्च को ही स्पष्टीकरण दे दिया है। जांच पूरी हो गई है शीघ्र ही आख्या जिला मुख्यालय को भेज दी जाएगी। समझ में यह नहीं आता है कि खंड विकास अधिकारी रामनगर कह रहे हैं शीघ्र आख्या भेज दी जाएगी और यहां आख्या की प्रतीक्षा किए बिना ही निलंबन आदेश जारी हो गया है। अब खंड विकास अधिकारी अगर आख्या भेजेंगे भी तो उसे जिला विकास अधिकारी कहां लगाएंगे। जिला विकास अधिकारी ने अपने निलंबन आदेश में तो खंड विकास अधिकारी टांडा को जांच अधिकारी नामित कर दिया है। अब खंड विकास अधिकारी टांडा अलग से जांच करेंगे और खंड विकास अधिकारी रामनगर एक जांच करके रखे हुए हैं। सच्चाई यह है कि आवास बना हुआ है। जिस पर किसी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो सकती यदि फिर भी जिला विकास अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई की गई है तो वह जांच का विषय है की उन्होंने बिना जांच रिपोर्ट प्राप्त हुए और विनोद गुप्ता के दोषी साबित हुए बिना ही निलंबन आदेश कैसे जारी कर दिया गया। इसके पीछे कहीं कोई बहुत बड़ी साज़िश तो नहीं है। उधर रामनगर विकास खण्ड के सहायक विकास अधिकारी आईएसबी सुरेन्द्र बहादुर विश्वकर्मा ने अपनी जांच में गलत जीओ टैगिंग करने के लिए रोजगार सेवक मनोज कुमार को दोषी ठहराया था और उनकी जांच रिपोर्ट में ग्राम विकास अधिकारी विनोद कुमार गुप्ता की भूमिका का कोई जिक्र नहीं है बाबजूद इसके विनोद कुमार गुप्ता को निलंबित किया जाता है और रोजगार सेवक मनोज कुमार के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाती है उक्त मामले को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही है।


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