पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, पीलीभीत (शबलू खा)
पुरनपुर /पीलीभीत। नगर पूरनपुर में खूब चरम सीमा पर चल रहा है सट्टे का कारोबार। इस कारोबार और खेल में युवा वर्ग अधिक जुड़ा हुआ है। सट्टे के कारोबार के नेटवर्क बहुत दूर दूर तक फैला हुआ है। सट्टे का माध्यम क्रिकेट है। क्रिकेट के खेल का सट्टा होता है सिर्फ एक अंक सट्टा लगाने वाले का और निन्यानवे अंक सट्टा की आखरी कड़ी का। इस सट्टे की लपक युवा वर्ग में इस कदर तक है की खेलने वाला दिन भर तो मेहनत मजदूरी करता है और शाम को सट्टा पे लगा देता है। घर पर आकर कहता है आज मजदूरी नहीं हुई।सट्टे लगाने वाले मजदूर के बच्चों को भूखे पेट लेटना पड़ता है।हालत ये है की सरकारी राशन अगर ना मिले तो परिवार को भीख मांगने की नौबत भी आ जाए। सट्टा चलाने वाले बिल्कुल निडर है इनके आकाओं की पहुंच ऊपर तक है या फिर पकड़ने पर तुरंत व्यवस्था कर छुड़ा दिया जाता है। काफी समय से इन पर अभियान भी नही चलाया गया। सट्टे चलाने वाले बेखौफ होकर पर्ची कोड वर्ड में देते हैं या फिर मोबाइल सबसे बड़ा माध्यम होता है। सट्टा चलाने के लिए दर्जनों एजेंट के सहारे ये सट्टा नेटवर्क चलता है। यही वजह है कि सैकड़ों घर बरबादी की कगार पर हैं। जुएं व सट्टे में बरबाद हुए परिवारों में जवान लड़कियां शादी की आस में अपनी उम्र खोती जा रही हैं। अज्ञात सूत्रों से ज्ञात हुआ है की सट्टे के जाल दिल्ली से जुड़े हुए है। जो सट्टा चलाने के बड़े एजेंट हैं इनके गले में अक्सर मोटी मोटी सोने की चैन देखी जा सकती हैं। गले में सोने की मोटी चैन मिलेगी और पूछने पर बेरोजगारी का रोना मिलेगा। सट्टे लगाने बालों के परिवारों के बच्चों को कम उम्र में कठिन काम करते हुए देखा जा सकता है। अब तो सुनने में आया है की सट्टा मौसम के ऊपर भी लगने लगा है वैसे सट्टे का काम अधिकांश क्रिकेट मैच पर ही होता है। बड़े स्तर के अधिकारी वर्ग को इस पर अंकुश लगाना होगा ताकि परिवारों को बरबादी से बचाया जा सके।
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