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साल के पहले दिन द्वाबा का ऐतिहासिक धनुष यज्ञ मेला में उमड़ी भीड़

 


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, बलिया  

बैरिया/बलिया। द्वाबा का ऐतिहासिक धनुषयज्ञ मेला नए साल में गोता लगाने के लिए बेकरार रहा। उम्मीदों का नया विहान सोमवार की सुबह हर दिल में खुशियों का खजाना लेकर आया। नए संकल्पों के साथ लोग सुदिष्ट बाबा के समाधि स्थल पर पहुँच पूजा अर्चना के साथ नए साल का आगाज हुआ।मेले में आए लोगों ने खाने पीने के मनपसंद समान के साथ बीबी बच्चों, संगी यारी, रिश्तेदारों के साथ नए साल का आनंद लिया।दोपहर बाद मौसम बेहतर रहा और लोग मेले का लुफ्त उठाया। मेला में आए दुकानदारों ने भी नए साल के स्वागत की तैयारी अपने लिहाज से की थी। वे इस मौके पर ग्राहकों को छूट का तोहफा दिया।मेला अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर पहुंच गया है। ऐसे मौके पर दुकानदारों का भी प्रयास है कि अधिक से अधिक सामान बेचकर ही वापस लौटे। आखिर समय में हर साल मेला में दुकानदार अपने सामानों पर भारी छूट देते आए हैं। इस साल भी मेला नव वर्ष में के साथ मेलार्थियों को भारी छूट दिए।धनुष यज्ञ मेला परिसर द्वाबा वासियों के लिए किसी तीर्थ स्थल से कम नहीं है। इसके एक कोने पर संत सुदिष्ट बाबा का समाधि स्थल है, तो दूसरे छोर पर साईं बाबा का भव्य मंदिर स्थापित है। जबकि आखिरी छोर पर रमजान बाबा का मजार है। नये साल पर क्षेत्र भर के लोग सुदिष्ट बाबा व साईं बाबा के मंदिर पर माथा टेके वहीं रमजान बाबा के मजार पर चादर चढ़ाया। नव वर्ष पर तो धनुष यज्ञ मेले में अध्यात्म की बयार बहती दिखी। कहीं अगरबत्ती की सुगंध से पूरा वातावरण सुगंधित हो रहा था  तो कहीं रामधुन से पूरा माहौल भक्तिमय था। नव वर्ष पर हजारों लोग इस तीर्थ स्थल पर माथा टेककर अपने और अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना किए।

बैरिया। आहिस्ते से छलका, उल्लास का सागर धनुष यज्ञ मेला में दोपहर बाद जैसे ही भगवान भाष्कर ने दर्शन दिया मेले में नव वर्ष युवाओं में खुशियों के जैसे पटाखे फूटने लगे। 'हैप्पी न्यू ईयर' के स्वर गूंजने लगे। यही तीन शब्द देर शाम तक मेले के पूरी फिजां तक में घुलते रहे। उत्सवी माहौल के रूप में उफान लेता नववर्ष का अभिनंदन-उत्सव पूरे दिन छलकने को बेताब हो उठा। नए साल का उल्लास बाबा की नगरी में आकर इसमें धर्म-अध्यात्म का रंग घुल जाता है। नव वर्ष में सूरज की पहली किरण उम्मीदों का उजाला लेकर आए, इस मनोकामना के साथ काशीवासी बाबा की देहरी पर शीश नवाए।संकटों से मुक्ति और सर्व मंगल की कामना का आशीष मांगे। पूजा पाठ से खाली होकर लोगों ने मेला का रुख किया। तब तक सूर्य देव भी पूरी अंगड़ाई के साथ जग चुके थे। युवाओं ने नए वर्ष का उत्सव धूम धाम से मनाया।

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