विकास प्राधिकरण की सरपरस्ती में तना कई मंजिल ,बाद में किया सील आखिर वजह क्या है..?
✍🏻 ( कृष्णा पंडित की कलम से)
हडहा सराय, दालमंडी, रेशम कटरा राजा दरवाजा, ठठेरी बाजार यहां कई मंजिलें तक इमारत तनी हुई है लेकिन अधिकारी साहब सोए पड़े हुए हैं...
बिल्डर जबरदस्त धनउगाही कर सरकारी व्यवस्था को भी मजबूत कर रहा है
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, वाराणसी
वाराणसी माननीय प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र योगी आदित्यनाथ का पसंदीदा शहर जहां पाक्षिक ही नहीं बल्कि साप्ताहिक आगमन होता है ! मुख्यमंत्री का निरीक्षण व अधिकारियों पर नकेल के लिए लगातार दबाव बनाते रहते हैं लेकिन घड़ियाल बन चुके अधिकारी सिर्फ अपनी सरपरस्ती में ही दुकान चलाते हैं ! सूत्रों की माने तो नेताओं की सांठ गांठ से अधिकारी को दबाव बनाकर भी उगाही का खेल किया जा रहा है और अधिकारी दबाव में आकर नेताजी की सुनते हैं क्योंकि नेताजी तो मंत्री जी के साथ रोज नजर आते हैं ! आप सोच रहे होंगे कि मैं क्या बताना चाहता हूं आपको बताता हूं विकास प्राधिकरण के कई घड़ियाल अधिकारियों की कहानी जो बनारस के अलग-अलग थाना क्षेत्र में अवैध इमारत जहां बिना किसी मानक के बिना किसी पार्किंग मनमानी से चाहे जितनी ऊंची मंजिल बनानी हो वो बना लेते हैं !
जब आपस में बात नहीं बनती तो निश्चित रूप से फिर वह कानूनी कसरत चालू हो जाता है सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि यह सात मंजिल तक बनता रहा और ये साहब लोग जिनके सिपाही गली-गली घूम कर वसूली करते हैं और खबर पहुंचाते हैं उनको पता तक नहीं चला ! ऐसे अधिकारी जो घड़ियाल बनकर मार्केट से अवैध तरीके से कमाई कर रहे हैं उन पर मुकदमा कायम किया जाना चाहिए ! क्योंकि सिगरा क्षेत्र में दर्जनों नहीं बल्कि सैकड़ो ऐसी इमारतें हैं और छोटी-छोटी बिल्डिंग है आपको देखने को मिल जाएगी जो बिना किसी नक्शे के पांच-पांच मंजिल तक बनकर तैयार हैं और खूब धन उगाही किया जा रहा है ! बड़ी बात यह है कि यदि किसी ने परमिशन और नक्शा भी पास करवाया तो यदि तीन मंजिल का पास है तो वह पांच मंजिल तक बनाता है और विकास प्राधिकरण बेचारा असहाय बनकर घूमता रहता है और सब ठीक-ठाक के तर्ज पर चल रहा है ! अब आप सोचिए यह सब क्या है या तो कानून का मखौल उड़ा रहे हैं या जब गर्म कर रहे हैं या फिर सबको अंधा समझते हैं !
108 दिन बाद होटल हरी विलास हुआ सील, सटा हुआ 6 मंजिल अवैध निर्माण भी किया गया सील
छः/छः मंजिल तक निर्माण हो जा रहा है और विकास प्राधिकरण के अधिकारी कर्मचारियों को पता नहीं चल रहा है ऐसे दर्जनों रोड पर कई सारी छोटी बड़ी इमारतें बनी है जो किसी भी मानक को तय नहीं करती हैं लेकिन फिर भी सब ठीक-ठाक है !!
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