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बलिया के युवा ने बर्मिंघम विश्वविद्यालय में प्रस्तुत किया शोध पत्र

शहर के भृगुआश्रम निवासी मनीष एमिटी विश्वविद्यालय में हैं प्रोफेसर 



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, (ब्यूरो प्रभारी राजीव शंकर चतुर्वेदी की रिपोर्ट) 

बलिया। शहर के दालपट्टी भृगुआश्रम निवासी स्व. सतीश श्रीवास्तव एडवोकेट के पुत्र डॉ. मनीष कुमार, जो एमिटी विश्वविद्यालय ग्वालियर में सहायक प्रोफेसर हैं। बर्मिंघम विश्वविद्यालय यूनाइटेड किंगडम में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया और अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। शोध का विषय 'इन सिलिको वैक्सीन डिजाइन अगेन्सट मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंट बैक्टीरिया स्टैफिलोकोकस ऑरियस एमआरएसए' था।

सम्मेलन में दुनिया भर के वैज्ञानिकों आदि ने भाग लिया। इनमें फाइजर कोविड वैक्सीन के निर्माता डॉ. ओजलेम ट्यूरेसी के अलावा भारतीय कंपनी बायोटेक के सीडीओ डॉ. रचेश एला के साथ ही यूबियोलॉजिक्स के वैक्सीन डेवलपर्स, सेंगर इंस्टीट्यूट, यूके के वैज्ञानिक थे। वैज्ञानिकों ने विभिन्न बीमारियों के लिए अलग-अलग बैक्टीरियल टीकों के बारे में चर्चा की।

डॉ. मनीष की यात्रा व शोध पत्र प्रस्तुत करने का पूरा खर्च बर्मिंघम विश्वविद्यालय ने वहन किया। इनके 50 से अधिक शोध पत्र प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ. मनीष को पिछले साल शोध के लिए भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने सरकारी खर्च पर चार माह के लिए सैन डिएगो विश्वविद्यालय (कैलिफोर्निया) भेजा था। इन्होंने नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर से स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा बीएचयू से और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी की है। पिछले दिनों इनके छोटे भाई सौरभ श्रीवास्तव का चयन सिविल जज के पद पर हुआ।

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