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15 अक्टूबर से होगा रामलीला का शुभारंभ

काशी नरेश महाराज बलवंत सिंह द्वारा स्थापित गंगापुर की प्राचीन रामलीला आज भी समाज के बना प्रेरणादायक



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, वाराणसी  (कमलेश गुप्ता की रिपोर्ट)

वाराणसी/ रोहनिया। काशी नगरी में आज भी सैकड़ो वर्ष पुरानी रामलीला भगवान श्रीराम के प्रति आस्था भाव जागृत करता है। 

आपको बता दे की काशी के महाराज काशी नरेश महाराज बलवंत सिंह द्वारा स्थापित नगर पंचायत गंगापुर की अति प्राचीन रामलीला आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक बना हुआ है जोकि यह रामलीला लगभग सैकड़ों वर्ष से ज्यादा पुरानी बताया है। वही गंगापुर निवासी लगभग 95 वर्ष गंगा साव जी ने बताया कि यह रामलीला महाराज काशी नरेश की किले के तहसील परिसर में यह रामलीला किया जाता।  

जो धीरे धीरे यह रामलीला बाजार के व्यापारी द्वारा 1975 में रामलीला कमेटी का गठन किया जिसमे नवयुवक रामलीला के अध्यक्ष स्वर्गीय राम किशन सेठ तथा स्वर्गीय राम जी पहलवान हुआ करते थे।  साथ ही गंगा साव ने ये भी बताया कि राजा साहब के किले में यह रामलीला किया जाता था। राजा साहब के जाने बाद यह प्राचीन रामलीला नगर पंचायत गंगापुर गोला बाजार में स्थापित हुआ तब से लेकर आज भी बाजार के ही व्यापारियों द्वारा रामलीला  खेला जाता है जो समाज को भगवान के प्रति आस्था का भाव दिखलाता है। वही उस समय रामलीला की ब्यास रहे स्वर्गी पन्नालाल तथा उसके बाद स्वर्गी मुन्नू महाराज तथा छेदी लाला केशरी डारेक्टर विनय शंकर गुप्ता रहे।  

1992 रामलीला के कोषाध्यक्ष स्वर्गीय बैजनाथ गुप्ता रहे...

वर्तमान रूप के रामलीला कमेटी के अध्यक्ष राजेश केसरी व्यासपीठ गोपालदास अग्रहरि और डायरेक्टर दीनदयाल जैन है। 

भगवान श्री राम के रोल में अंश केसरी रावण के रोल में सन्दीप अग्रहरी रोल अदा करते हैं...

वही दस दिवसीय प्राचीन रामलीला का शुभारंभ 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक विजय दशमी को पर्व तक रहता है  रावण दहन व पात्र विदाई के बाद समाप्त हो जाता है।

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