https://www.purvanchalrajya.com/

गुरुजी स्कूल टाईम में मस्जिद जाकर पढ़ते हैं नमाज, स्कूल के बच्चों को भी कहते हैं पढ़ने के लिए नमाज

बड़ी ख़बर: यूपी के जनपद चंदौली से....




पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, चंदौली (क्राइम रिपोर्टर संजीव पाठक की रिपोर्ट)

चंदौली। भारत देश एक धर्म निरपेक्ष देश है, देश में सभी धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। देश के संविधान ने सभी धर्मो के लोंगो को अपने धर्म के हिसाब से क्रियाकलाप करने की आजादी भी दी है। लेकिन देश के संविधान में किसी भी सरकारी कार्यालय , स्कूल , सरकारी अस्पताल व अन्य किसी भी सरकारी प्रतिष्ठान में कार्यरत सरकारी कर्मचारी या अधिकारी को धर्म से परे रखा गया है। लेकिन कुछ सरकारी कर्मचारी ऐसे भी हैं जो सरकारी नियमावली को ताख पर रखकर ड्यूटी पीरियड में भी धार्मिक गतिविधियों को अंजाम देने से बाज नहीं आते हैं।  दरअसल पूरा मामला शहाबगंज बीआरसी क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय ,,तकिया महरौर,, का है जहाँ विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात शफीकुर्रहमान हर शुक्रवार को दोपहर 12:40 बजे स्कूल से निकलकर जुमे की नमाज अदा करने के लिए मस्जिद जाते हैं। नमाज अदा करने के बाद लगभग दो घंटे बाद गुरुजी स्कूल वापस आते हैं। हद तो तब हो गई जब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि गुरुजी हम लोंगो को भी जुमे की नमाज अदा करने  के लिए कहते हैं तो हम लोग मना कर देते हैं। कुल मिलाकर गुरुजी ने सरकारी विद्यालय को धर्म का अखाड़ा बनाकर रखा है।


जब मामले में प्रधानाध्यापक हरिओम सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सहायक अध्यापक शफीकुर्रहमान की विद्यालय में 2015 में नियुक्ति हुई है। जब से इनकी नियुक्ति विद्यालय में हुई तब से ये हर शुक्रवार को विद्यालय छोड़कर मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ते हैं। पूर्व में ये जब नमाज पढ़ने जाते थे तो फिर स्कूल में भी नहीं आते थे।   वहीं हरिओम सिंह बताया कि जब भी मैं इनको टोकता था तो ये कहते थे कि नमाज पढ़ने के लिए आदेश है।


जब मामले के बारे में डीएम निखिल टी फुंडे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। मैं इस मामले की जाँच करवाऊंगा। अगर जाँच में सरकारी नियमावली का उल्लंघन होना पाया जाएगा तो दोषी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि मामला डीएम साहब के संज्ञान में आने के बाद क्या कार्यवाही की जाती है

Post a Comment

0 Comments