इस्लाम धर्म में यह दिन बड़ा ही खास है और इसको धूम धाम से मनाया जाता है
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, महराजगंज
महराजगंज/घुघली। जनपद महाराजगंज के शिकारपुर चौकी क्षेत्र में वारावफात के जुलूस में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस मुस्तैद रही। दरौली,भिसवां, कोदईला व अगया सहित तमाम अन्य क्षेत्रीय गावों का जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ।
विदित रहे कि हर साल हर धर्म में कुछ कुछ खास पर्व मनाए जाते हैं, ऐसा ही एक इस्लामिक धर्म से जुड़ा पर्व बारावफात है जिसको ईद मिलाद उन-नबी के नाम से भी जाना जाता है। इस्लाम धर्म में यह दिन बड़ा ही खास है और इसको धूम धाम से मनाया जाता है लेकिन इस पर्व से संबंधित लोगो के मन में कई सवाल है।इस्लाम धर्म के आखरी पैगंबर हज़रत मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्म और मृत्यु के संदर्भ में बताया जाता है कि इनका जन्म 570 ई. को मक्का में हुआ था और मृत्यु 632 ई. को मदीना में हुआ था। यह त्यौहार पैगंबर हज़रत मुह़म्मद के जीवन, उनकी शिक्षाओं और ज्ञान को याद करने के रूप में मनाया जाता है।
इसका महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इस दिन पैगंबर के बताए रास्ते को याद करते हुए इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान को भी पढ़ा जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी पैगंबर के नियम या बताए रास्ते पर चलता है और पूरे नियम निभाता है,वो अल्लाह के बेहद करीब चला जाता है इसलिए बारावफात मुसलमानों के लिए प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
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