30 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है, जो 14 अक्टूबर को समाप्त होगी
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, महराजगंज
महराजगंज/घुघली। पितृ पक्ष में पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है।30 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है, जो 14 अक्टूबर को समाप्त होगी।पितृपक्ष के आखिरी दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या पर (14 अक्टूबर 2023 ) सूर्य ग्रहण लगेगा। ग्रहण 14 अक्टूबर की रात 08:34 से लेकर मध्यरात्रि 02:25 तक रहेगा।
पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध में है ये अंतर
पितृपक्ष में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध करने की विधि में अंतर होता है।इसलिए इसे एक नहीं समझें।पितृपक्ष में मृतक परिजनों को श्रद्धापूर्वक याद करने को श्राद्ध कहते हैं।पिंडदान का अर्थ, भोजन दान करने से है।इसका अर्थ है कि,हम पितरों को पितृपक्ष में भोजन दान दे रहे हैं,वहीं तर्पण का अर्थ जल दान से है।हाथ में जल, कुशा, अक्षत, तिल आदि लेकर पितरों का तर्पण किया जाता है।
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