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दुबई की जेल में फंसे यूपी के दो दर्जन युवा, महराजगंज का भी एक शामिल,



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो

महराजगंज /घुघली

पल्टू मिश्रा

महराजगंज,विदेश में सुनहरे भविष्य की तलाश में गए उत्तर प्रदेश के कई युवाओं के लिए दुबई की ज़मीन मुसीबत बन गई है। एक कथित फर्जी टेलीकॉम कंपनी से जुड़े होने के आरोप में भारत के कुल 59 लोग दुबई की जेल में बंद हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के 24 युवक भी शामिल हैं, जिनमें महराजगंज नगरपालिका क्षेत्र के शास्त्री नगर वार्ड नंबर 19 निवासी दिनेश कुमार गुप्ता का नाम भी शामिल है।

दिनेश के पिता विश्वनाथ गुप्ता ने बताया कि उनका बेटा दो साल पहले दुबई की एक प्रतिष्ठित प्राइवेट कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर नियुक्त हुआ था। कुछ ही समय बाद उसे एक अन्य टेलीकॉम कंपनी में बेहतर वेतन और पद के साथ प्रस्ताव मिला, जिसे उसने स्वीकार कर लिया। इसी कंपनी ने भारत समेत अन्य देशों से कई युवाओं को जोड़ा लेकिन इसी साल 6 जुलाई 2024 को दुबई पुलिस ने अचानक उस कंपनी के पूरे स्टाफ को गिरफ्तार कर लिया। बाद में पता चला कि कंपनी फर्जी थी और साइबर फ्रॉड जैसे मामलों में फंस चुकी थी। वहां अब न सुनवाई हो रही है, न वकील की सुविधा उपलब्ध है।विश्वनाथ गुप्ता ने दुबई में वकील से संपर्क कर कानूनी प्रक्रिया के लिए रुपये भी भेजे, लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला। अंततः उन्होंने महराजगंज के सामाजिक कार्यकर्ता राजेश मणि त्रिपाठी की मदद से भारतीय दूतावास को ईमेल के जरिए मामले की जानकारी दी। भारतीय दूतावास की ओर से मेल का उत्तर मिला है, जिसमें उन्होंने मामले में हस्तक्षेप करने और आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

यह मामला जब जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुबई में फंसे युवक की सुरक्षित भारत वापसी के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं। प्रशासन अब विदेश मंत्रालय और दूतावास से लगातार संपर्क में है।

परिजनों का कहना है कि 59 में से कई युवक निर्दोष हैं, जिनका कंपनी के फ्रॉड में कोई हाथ नहीं है, लेकिन उन्हें सिर्फ वहां काम करने की वजह से जेल में डाल दिया गया।

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