अब वक्त आ गया है कि दुबहड़ को उसका “अपना थाना भवन” मिले
राजीव शंकर चतुर्वेदी
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो
बलिया। आमजन की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहने वाले पुलिसकर्मी आज खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कारण है दुबहड़ थाना भवन की बदहाल और जर्जर स्थिति, जो हर साल बारिश, बाढ़ और आंधी की विभीषिका झेल रहा है। जनपद मुख्यालय से मात्र 9 किलोमीटर दूर, एनएच-31 पर स्थित यह थाना किराए के एक पुराने भवन में चल रहा है, जिसकी हालत किसी भी दिन हादसे में तब्दील हो सकती है।
स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों का कहना है कि थाना भवन की दीवारें और छत नम और कमजोर हो चुकी हैं, बाढ़ के समय ज़मीन दलदल में तब्दील हो जाती है। कंप्यूटर, मैन्युअल रिकॉर्ड्स, शस्त्रों और दस्तावेजों को हर साल खतरे से बचाना चुनौती बन गया है। यदि भवन धराशाई होता है तो जानमाल की क्षति होना तय है, लेकिन सवाल यह है कि इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
थाना प्रभारी मिथिलेश कुमार ने साफ शब्दों में कहा,
हम विषम परिस्थितियों में ड्यूटी कर रहे हैं। बारिश एवं बाढ़ के समय छत एवं सीलन आ जाती है, जिससे रिकॉर्ड खराब हो जाते हैं। कई बार बिजली भी कट जाती है। आम जनता और स्टाफ, दोनों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा होता है। दुबहड़ थाना वर्ष 1989 में स्थापित हुआ था। उस समय की जनसंख्या, अपराध स्तर और कार्यक्षेत्र की तुलना में आज स्थिति कई गुना बढ़ चुकी है। 19 ग्राम पंचायतें, 13 राजस्व गांव और बढ़ती जनसंख्या के चलते थाना क्षेत्र में कार्यभार बहुत अधिक हो गया है। बावजूद इसके, बुनियादी ढांचे में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ।
सूत्रों के अनुसार, दुबहर सीएचसी के पास निष्प्रयोज्य सरकारी भूमि की पहचान कर ली गई है, जिस पर नया थाना भवन आसानी से निर्मित किया जा सकता है। लेकिन आवंटन की प्रक्रिया फाइलों में उलझी हुई है और प्रशासनिक सुस्ती निर्माण कार्य को लटका रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और नागरिक एक स्वर में शासन-प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि चिन्हित भूमि को शीघ्र थाना भवन निर्माण हेतु आवंटित किया जाए नए भवन में महिला हेल्प डेस्क, केस रिकॉर्ड रूम, स्टाफ रेस्ट रूम, एफ आई आर सेल और सीसीटीवी मॉनिटरिंग रूम जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हों 2025 के अंत तक निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाए, जिससे अगली बरसात से पहले पुलिसकर्मी सुरक्षित भवन में काम कर सकें। दुबहड़ थाना भवन का निर्माण अब विकास का नहीं, सुरक्षा और संवेदनशीलता का विषय बन चुका है। शासन-प्रशासन को जल्द निर्णय लेना होगा, ताकि पुलिसकर्मियों और आमजनता को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण मिल सके। अब वक्त आ गया है कि दुबहड़ को उसका “अपना थाना भवन” मिले एक ऐसा भवन जो व्यवस्था, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक बने।
0 Comments