राजीव शंकर चतुर्वेदी
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो
बलिया। वाराणसी मंडल पर विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में 22 मई से 05 जून तक विश्व पर्यावरण संरक्षण पखवाड़ा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा नामित स्टेशनों के अतिरिक्त अन्य प्रमुख स्टेशनों तथा रेलवे कॉलोनियों में पर्यावरण जागरूकता से संबंधित अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। वाराणसी मंडल के बनारस, वाराणसी सिटी, गाजीपुर सिटी, बलिया, बेल्थरा रोड, मऊ, आजमगढ़, भटनी, देवरिया सदर, सीवान एवं छपरा स्टेशनों तथा प्लेटफार्मों की सघन साफ-सफाई हेतु श्रमदान किया गया। इसके साथ साथ प्लेटफॉर्म पर कचरा अलग करने वाले तीन रंग के कचरे का डिब्बे रख कर यात्रियों को उनका उपयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। प्रभात फेरी एवं रैली निकाल कर रेलवे स्टेशनों और आस-पास के इलाकों में सफाई अभियान चलाया जा रहा है जिसमें स्थानीय समुदायों और गैर-सरकारी संगठनों को भी शामिल किया जा रहा है। इस दौरान गैर-प्लास्टिक पर्यावरण-अनुकूल कटलरी को बढ़ावा देने के लिए आई आर सी टी सी द्वारा बायोडिग्रेडेबल या गैर-प्लास्टिक कटलरी के उपयोग के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में 05 जून तक वाराणसी मंडल के बनारस, वाराणसी सिटी, गाजीपुर सिटी, बलिया, बेल्थरा रोड, मऊ, आजमगढ़, भटनी, देवरिया सदर, सीवान एवं छपरा स्टेशनों तथा रेलवे कॉलोनियों में पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत यात्रियों एवं रेलकर्मियों को प्लास्टिक कचरे के निस्तारण, स्टील, रिसाइक्लेबल प्लास्टिक लंच बॉक्स, बोतल के उपयोग और एकल उपयोग प्लास्टिक के निषेध के प्रति तथा पर्यावरण जागरूकता को बढावा देते हुए अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जा रहा है। स्टेशनों पर यात्रियों को अपना पानी का बोतल साथ ले जाने, प्लास्टिक के थैले की जगह कपड़े के थैले का प्रयोग करने एवं स्टेशन व सार्वजनिक स्थानों पर रखे गये तीनों कलर के कूडे़दान के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करने हेतु स्टेशनों पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। स्टेशनों पर यात्रियों को पर्यावरण गीत, पोस्टर, बैनर एवं पर्यावरण संबंधित नारों द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरूक किया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण के अंतर्गत विभिन्न स्टेशनों पर वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। साथ ही रेल कर्मचारियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए पर्यावरण संरक्षण पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।
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