राजीव शंकर चतुर्वेदी
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो
बलिया। पूरी दुनिया में मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य मां के प्रति सम्मान और प्रेम को प्रदर्शित करता है। हर जगह मातृ दिवस मनाने का तरीका अलग-अलग होता है, लेकिन इसका उद्देश्य एक ही होता है। एक शिशु का जब जन्म होता है, तो उसका पहला रिश्ता मां से होता है। मां की ममता, उसका त्याग और उसका प्यार- ये सब अनमोल हैं। कोई कीमत नहीं, कोई तुलना नहीं- मां ही मंदिर मां ही पूजा मां से बढ़कर कोई न दूजा, मां के प्यार से बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं। इस मदर्स डे पर बस एक बात कहना चाहूंगा- 'मां, आप हो तो सब कुछ है। माँ के बलिदानों का ऋण कोई बेटा नहीं चुका सकता, चाहे वह भूमंडल का स्वामी ही क्यों न हो। इसी दिवस पर विकास खंड बेलहरी के सोनवानी ग्राम निवासी अभय शंकर चतुर्वेदी ने कहा की आज के दिन जिस तरह से लोग फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम हर जगह मां ही मां दिखाई दे रही है। काश ये मातृत्व दिवस रोज होता तो कोई भी मां वृद्ध आश्रम में नहीं होती। श्री चतुर्वेदी ने लोगों से अपील किया की हर रोज मातृ दिवस है इसे जानकर मां को रोज इसी तरह सोशल मीडिया से लेकर अपनी असल जिंदगी में भी मां के लिए वो जगह दे जैसे आज आपने अपने सोशल मीडिया पर मां को जगह दिया।
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