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आंदोलनकारियों ने तालाब में अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन


स्टेशन बहाली की मांग, धैर्य की परीक्षा न ले सरकार, हमें विनाश नहीं विकास चाहिए

राजीव शंकर चतुर्वेदी 

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो 

बलिया। रेवती रेलवे स्टेशन के पुनर्बहाली की मांग को लेकर रेल आंदोलन के 38वें दिन रेल आंदोलनकारियों ने एक और अनोखा प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों ने रेलवे स्टेशन प्रांगण तथा आंदोलन स्थल के समीप स्थित तालाब में उतरकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों ने अर्धनग्न होकर तालाब के बीच पहुंचकर रेल प्रशासन मुर्दाबाद, सरकार के विरोध तथा अपनी मांगों के समर्थन नारे लगाए। इससे पूर्व आंदोलनकारियों ने सोमवार के दिन एक भैंस को रेल मंत्री का प्रतीक मानते हुए उसके आगे बीन बजाकर प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों का कहना है कि हमारे द्वारा रेवती रेलवे स्टेशन को हाल्ट किए जाने के बाद सत्तर से अधिक ज्ञापन रेल विभाग के विभिन्न उच्चाधिकारियों को भेजा गया। कई डेलीगेट अधिकारियों से मिला गया। जब बात सुनी नहीं गई तो पूर्ण स्टेशन का दर्जा पाने के लिए हमने आंदोलन प्रारंभ किया।हमारे मंच पर तीन सांसद, कई पूर्व मंत्री, कई विधायक, कई पूर्व विधायक तथा विभिन्न दलों के नेता यहां पहुंचे। उन्होंने हमें आश्वस्त किया कि किसी प्रकार हम स्टेशन को पूर्ण दर्जा दिलवाएंगे। इधर आंदोलन स्थल पर कई स्वरूपों में प्रदर्शन किया गया। लेकिन रेल विभाग पर इसका कोई असर दिखलाई नहीं पड़ रहा है। इन तमाम बातों के दृष्टिगत आज हमने रेलवे स्टेशन के बगल स्थित तालाब में उतरकर अर्धनग्न प्रदर्शन कर रेल मंत्री का ध्यान आकर्षित करने का काम कर रहे हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती है, तो हम ऐतिहासिक रेल ट्रैक जाम करने का भी कार्य करेंगे। कहा की से पूर्व हम 13 घंटे रेल चक्का जाम भी कर चुके हैं। लेकिन मांग नहीं माने जाने पर हम अनिश्चितकालीन ट्रैक जाम करने का भी कार्य करेंगे। अर्धनग्न प्रदर्शन करने वालों में संघर्ष समिति के समझौता लक्ष्मण पांडेय, ओम प्रकाश कुंवर मुन्नू, महावीर तिवारी, रमेश मणिक, पंकज सोनी, मनोज पाल, श्रीभवान यादव, संदीप ओझा आदि रहे।

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