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जनकुआक्टा ने मृतक शिक्षक की आश्रिता को आर्थिक सहयोग की मांग

 


जनकुआक्टा ने मृतक शिक्षक की आश्रिता को आर्थिक सहयोग की मांग


कुलपति से शिक्षक कल्याण कोष से भी सहायता राशि की मांग ।


पूर्वांचल राज्य ब्यूरो 

बलिया। डॉ चंदन कुमार गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर, समाजशास्त्र विभाग, मथुरा पी. जी कालेज, रसड़ा का रोड एक्सीडेंट में 25 सितम्बर को निधन हो गया था। बताते चले कि वित्तपोषित महाविद्यालयों एवं स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों के स्ववित्तपोषित शिक्षकों की वेतन प्रणाली प्रबंधतंत्र के भरोसे होने के कारण उनकी नियुक्ति विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्देश पर यू .जी.सी.सी मानक के अनुसार होती है किंतु वेतन यू.जी.सी मानक के अनुसार नहीं मिलता है और शिक्षकों का मानसिक दोहन तो यू.जी.सी मानक के अनुसार ही होता है। ऐसी स्थिति में जब कोई स्ववित्तपोषित योजना में कार्यरत शिक्षक किसी दुर्घटना का शिकार होता है तो उसके आश्रितों पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ता है और वह परिवार तत्काल आर्थिक संकट से जूझने लगता है। ऐसे शिक्षकों के लिए किसी भी विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव, सरकार, उच्च शिक्षा निर्देशक, उच्च शिक्षा क्षेत्रीय अधिकारी, प्राचार्य एवं प्रबंधक के पास कोई योजना नहीं है। जनकुआक्टा ने ऐसी स्थिति में शिक्षकों से एक नैतिक अपील की कि अब शिक्षकों के दुर्घटना ग्रस्त शिक्षकों के परिवार का आँसू पोछने  के लिए आगे आना होगा। शिक्षकों ने इस अपील को सिर आँखों पर उठा लिया और दसो एडेडमहाविद्यालयों के वित्तपोषित एवं स्ववित्तपोषित शिक्षकों ने एक सहायता राशि इक‌ट्ठा करना शुरू किया। महाविद्यालयों की जनकुआक्टा की यूनिट अध्यक्ष अखिलेश राय एवं महामंत्री अवनीश चन्द्र पाण्डेय ने बढ़चढ़कर सहायता राशि के लिए मुहिम चलाई। वही अम्सा के बलिया अध्यक्ष डा मनोज कुमार दुबे के स्ववित्तपोषित यूनिट ने भरपूर सहयोग किया। आज उसी प्रयास के फलस्वरूप इकट्ठा सहायता धनराशि मृतक शिक्षक स्व डॉ. चंदन कुमार गुप्ता की परिवारएवं आश्रित पुत्रियों को 2,95000/-दो लाख पंचानवे हजार रुपए नगद सुपुर्द किया गया। लगभग कुछ आन लाइन पेमेंट भी उनकी पत्नी के खाते में भी सहयोगी शिक्षको के द्वारा भेजा गया है। महामंत्री अवनीश चंद्र पांडेय  ने बताया कि विश्वविद्यालय जनकुआक्टा के अध्यक्ष और महामंत्री द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाने पर यद्यपि कुलपति  ने मृत शिक्षक के घर पहुँचकर अपनी तरफ से कुछ सहायता राशि प्रदान की है। किंतु संगठन के दृष्टि से वह नाकाफ़ी था। महामंत्री ने यह आरोप लगाया कि कुछ एक लोगों ने इस यात्रा को गोपनीय बना दिया और तंग साँचे में इस सहायता का मूल्यांकन होने लगेगा,  यदि जनकुआक्टा उपस्थित रहा होता तो कुलपति के माध्यम से शिक्षक कल्याण कोष से एक सहायता राशि की घोषणा जरूर करवाता। हम इस सहायता को एक वैधानिक जामा पहनाना चाहते थे। जनकुआक्टा शिक्षक का मूल्यांकन सिर्फ और सिर्फ शिक्षक रूप में करता है, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, कालेज आदि की परिधि से ऊपर उठकर वह अपने हर 'शिक्षक' को शिक्षक के वृहद पैमाने में ही देखता है। आज के इस दुःखद अवसर पर चंदन के परिवार से यह वादा किया गया की हम कुलपति जी से भी शिक्षक कल्याण कोष से भी सहायता राशि की माँग करेंगे। इस अवसर पर  जनकुआक्टा के अध्यक्ष प्रो० अखिलेश राय, महामंत्री डॉ. अवनीश चन्द्र पाण्डेय, प्रो राम कृष्ण उपाध्याय, प्रो फूलबदन सिंह, डॉ. मनोज कुमार दुबे, डॉ. विवेकानंद पाण्डेय, प्रो. अशोक यादव, डॉ. विवेक कुमार राय, डॉ., डा अशोक सिंह यादव, डॉ उमेश सिंह, डॉ.सुशील दुबे, डॉ. सुनील कुमार ओझा, डॉ. विवेक कुमार डॉ. समरजित सिंह, डॉ. अवनीश कुमार पाण्डेय, आदि शिक्षक उपस्थित रहे।

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