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मैं जली हुई राख नही, अमर दीप हूँ, जो मिट गया वतन पर मैं वो शहीद हूँ

 


मैं जली हुई राख नही, अमर दीप हूँ, जो मिट गया वतन पर मैं वो शहीद हूँ


पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर रिजर्व पुलिस लाइन में शहीदों को दी गयी श्रद्धांजलि


राजीव शंकर चतुर्वेदी 

बलिया। ज्ञात हो कि जनसेवा का उच्च आदर्श हृदयंगम किए अनेकों पुलिस जन प्रतिवर्ष कर्तव्य पथ का अनुगमन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुऐ हैं। पुलिस जनों के कार्य की प्रकृति ही कुछ ऐसी है कि इसमें कदम-कदम पर जोखिम व जीवन भय सन्निहित है यही कारण है कि प्रतिवर्ष अपने कार्यों को अंजाम देने की प्रक्रिया में पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में कर्तव्य की बलिवेदी पर अपनी प्राणो का उत्सर्ग दिये हैं। इनकी कीर्ति व यशोगाथा समय के साथ क्षरित नहीं होती अपितु अविरल अनुप्रेरणा प्राप्त होती है। पुलिस की भावी संततियों को उसी पथ पर द्विगुणित साहस में मनोयोग से आगे बढ़ने के लिए ऐसी एक गाथा आज से 65 वर्ष पुरानी है। जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवानों ने 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा लद्दाख के हिमाच्छादित जन हीन क्षेत्र में चीनी सैनिकों के कपटपूर्ण किए गए हमले को निष्प्रभावी कर अपना सर्वोच्च बलिदान, प्राणों की आहुति देकर मातृ भूमि की रक्षा की थी। इन वीर शहीद पुलिस जनों की याद में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रुप में मनाया जाता है। सोमवार को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस अधीक्षक विक्रान्त वीर व अन्य सभी पुलिस अधिकारी, कर्मचारी द्वारा पुलिस लाइन ग्राउंड में स्थित शहीद स्मारक स्थल पर अपने कर्तव्य का पालन करने के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस के शहीद जवानों को श्रद्धा सुमनअर्पित करते हुए नमन किया गया व भावभीनी श्राद्धांजली अर्पित की गई। पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) अनिल कुमार झा, अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) कृपा शंकर, क्षेत्राधिकारी नगर गौरव कुमार शर्मा, क्षेत्राधिकारी बांसडीह प्रभात कुमार, क्षेत्राधिकारी सदर श्यामकान्त, क्षेत्राधिकारी रसड़ा मो फहीम कुरैशी, क्षेत्राधिकारी बैरिया मो उष्मान, प्रशिक्षु उपाधीक्षक शिवांक सिंह, प्रतिसार निरीक्षक सुभाष चन्द्र यादव सहित अन्य पुलिस अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे ।



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