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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था में एआरपी हैं एक अहम कड़ी - डायट प्राचार्य



 प्रत्येक बच्चे की प्रगति पर रखें नजर - डायट प्राचार्य

 डायट प्राचार्य ने निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत की मासिक समीक्षा बैठक।

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो सिद्धार्थनगर नूरुल खाँ


जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बांसी में उप शिक्षा निदेशक व डायट प्राचार्य उमेश कुमार त्रिपाठी द्वारा जनपद में संचालित निपुण भारत मिशन के गतिविधियों की मासिक समीक्षा  शनिवार को  खंड शिक्षा अधिकारियों, डायट मेंटर, एसआरजी व एआरपी के साथ करते हुए जरूरी निर्देश दिया। उप शिक्षा निदेशक व डायट प्राचार्य ने कहा कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व विद्यालय के शिक्षकों के सहयोग , मार्गदर्शन के लिए एआरपी, एसआरजी एक अहम कड़ी हैं। शासन ने एआरपी को हटाया नहीं है। इनकी भूमिका शिक्षण व्यवस्था में काफी अहम है। बैठक में केपीआई लक्ष्य एवं निर्धारित एजेंडा बिन्दुओं पर पूर्व सूचना के आधार पर आयोजित इस समीक्षा बैठक में अगस्त माह के सपोर्टिव सुपरविजन की स्थिति, विद्यालयों के निपुण बनाने की स्थिति, सन्दर्शिका के प्रयोग, टीएलएम व प्रिन्टरीच सामग्री प्रयोग की स्थिति, शिक्षक डायरी एवं शिक्षण योजना, शिक्षक प्रशिक्षण, लर्निंग कॉर्नर, पुस्तकालय प्रयोग की स्थिति, गणित विज्ञान किट का प्रयोग, शिक्षक संकुल, पीटीएम बैठकों की स्थिति, विद्यालय शिक्षकों द्वारा निपुण तालीका, ट्रैकर ,डायरी आदि भरे जाने सहित तमाम बिन्दुओं पर समीक्षा की गयी। वरिष्ठ डायट प्रवक्ता लालजी पाण्डेय ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा की हर अध्यापक निपुण तालिका, शिक्षक सन्दर्शिका, निपुण लक्ष्य ऐप का प्रयोग करें, जिससे उनके पास उसकी कक्षा का छात्र मैपिंग रजिस्टर हो जिसमे उनके द्वारा अपने बच्चों को निर्दिष्ट समय सीमा मे निपुण बनाने की कार्य योजना हो और प्रति सप्ताह सक्षम, मध्यम वा संघर्षशील का डाटा मौजूद हो।

बैठक में जिला समन्वयक प्रशिक्षण अमित शुक्ला, डायट प्रवक्ता अनुराग कुमार श्रीवास्तव, श्रवण कुमार, यूनुस खान, पंकज कुमार, मनजुला यादव, प्रतिभा सिंह, बीइओ सन्तोष शुक्ला, महेन्द्र प्रसाद व सभी विकास खण्ड के एआरपी गुलाम जिलानी,अजीजूर्रहमान रामसेवक आदि उपस्थित रहे।

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