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कानपुर में अशांति का कारण बने खुले नाले, अब तक चार की मौत, मौज में अधिकारी



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, कानपुर (सुनील बाजपेई की रिपोर्ट) 

कानपुर। खुले हुए नाले लोगों की लोगों की अशांति का कारण बन रहे हैं। वजह है इन्हीं खुले नालों में गिरकर हुई अब तक चार लोगों की असमय मौत हो गई।  जिसको लेकर विभागीय अधिकारियों के खिलाफ लोगों में जबरदस्त रोष भी व्याप्त है। 

कुल मिलाकर इस महानगर में खुले नाले में गिरकर लोगों की जान जाने का सिलसिला लगातार जारी है। मामले में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लगातार हादसों के बाद भी नालों को ढकने या उनके किनारों पर बैरिकेडिंग लगाने पर काम नहीं हो रहा है। जिसके फल स्वरुप ही बीते एक सप्ताह में किदवई नगर, चकेरी और कोहना में तीन लोगों की जान जा चुकी है। 

ऐसी ही घटना बीती गुरुवार की रात बर्रा चार में भ़ी हुई, जहां खुले नाले में गिरकर टेंट हाउस कर्मी की मौत हो गई। लगातार घटनाओं से नाराज लोगों का कहना है कि अगर बैरिकेडिंग या सुरक्षा के होते इंतजाम तो टेंट हाउस कर्मचारी भी मौत का शिकार नहीं होता। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अचानक नाले में गिरकर मौत के शिकार हुई।  बर्रा-आठ वरुण विहार निवासी 60 वर्षीय सुनील जायसवाल घटना के समय अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान बर्रा -चार के पास खुले नाले में गिर गए। इसके बाद उन्हें हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया ,जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना के बाद उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है। 

अवगत कराते चले कि यह घटना पहले नहीं है। इसके पहले भी एक माह के अंदर तीन लोग इसी तरह से नाले में गिरकर असमय ही मौत का शिकार हो चुके हैं। यही वजह है कि लोगों में इन घटनाओं को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जबरदस्त रोष भी व्याप्त है।

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