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न्याय के लिए दर दर भटक रहा ब्राह्मण परिवार, शंख बजा कर डीएम कार्यालय पर जताया विरोध

डाक्टर की लापरवाही से प्राईवेट अस्पताल में हुई मौत का मामला, सरकारी डाक्टर का है प्राइवेट अस्पताल



पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, संतकबीरनगर

संतकबीरनगर। जनपद में खुले प्राइवेट अस्पतालों में लापरवाही से जहां मरीज मौत के मुंह में समाते जा रहे हैं वहीं जांच के नाम पर अधिकारी प्राइवेट अस्पतालों से वसूली कर मालामाल हो रहे हैं। जनपद के मेंहदावल तहसील अन्तर्गत नन्दौर के एक प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही से एक मरीज की मौत का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था दूसरा मामला इसी तहसील क्षेत्र के ग्राम बौरब्यास में अभी हाल में खुले प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही सामने आ गई और महदेवा नानकार की एक अनुसूचित जाति की महिला की मौत हो गई जिसे अस्पताल के प्रबंधन ने मृत महिला के पति को मुआवजा के रूप में एक लाख रुपए देकर दबा दिया।अब बखिरा में बूंदीपार निवासी जय प्रकाश तिवारी की मौत का मामला गर्मा गया है। बखिरा स्थित एक प्राइवेट अस्पताल जो चौधरी सरनेम वाले एक सरकारी डाक्टर का बताया जाता है में जय प्रकाश तिवारी को उनके परिजन बुखार होने के बाद करीब एक माह पूर्व भर्ती कराया था और जय प्रकाश तिवारी की मौत अस्पताल की लापरवाही से हो गई थी जिसकी शिकायत परिजनों ने जिलाधिकारी से की थी और जिलाधिकारी ने एसडीएम खलीलाबाद को जांच करने का आदेश दिया था लेकिन अस्पताल का प्रबंधन एसडीएम को साजिश में शामिल कर लिया जिसका नतीजा यह हुआ कि एक माह तक डीएम को जांच रिपोर्ट नहीं दी गई। मृतक के परिजनों ने जिलाधिकारी कार्यालय का खूब चक्कर लगाया लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।उत्तर प्रदेश इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद पाठक के नेतृत्व में मृतक जय प्रकाश तिवारी के परिजनों ने ब्राह्मण समाज के तमाम लोगों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंच  शंख बजा कर विरोध जताया। जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में प्रभारी जिलाधिकारी से पीड़ित परिवार के लोगों ने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि प्रशासन न्याय नहीं देगा तो अस्पताल के सामने चक्का जाम ब्राह्मण समाज करेगा। लोगों ने सदर एसडीएम पर तमाम दोषारोपण भी किया।

हालांकि बखिरा का बूंदीपार मेंहदावल विधानसभा क्षेत्र में स्थित है और यहां से अनिल कुमार तिवारी को विधायक बनाने में ब्राह्मण समाज की अहम भूमिका रही है फिर भी पीड़ित ब्राह्मण परिवार को न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है जो एक सवाल खड़ा कर रहा है।

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