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भारत नेपाल सीमा पर तस्करी रोकने की प्रशासन ने बनाई रणनीति

नवागत जिलाधिकारी अनुनय झा व एसपी डॉ. कौस्तुभ ने एसएसबी, कस्टम व विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी रोकथाम के प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए




पूर्वांचल राज्य ब्यूरो,महराजगंज (उपसंपादक ठाकुर सोनी, अरुण वर्मा, ब्यूरो चीफ फणींद्र कुमार मिश्र व जिला संवाददाता अनिल जायसवाल की संयुक्त रिपोर्ट)

महाराजगंज। भारत-नेपाल सीमा पर तस्करी रोकने के लिए प्रशासन ने नई रणनीति बनाई है। नवागत जिलाधिकारी अनुनय झा व एसपी डॉ. कौस्तुभ ने एसएसबी, कस्टम व विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी रोकथाम के प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए। 

जिलाधिकारी ने सीमा पर हो रहे तस्करी पर चर्चा करते हुए बॉर्डर पर तस्करी होने वाले सामानों और इनके लिए तस्करों द्वारा अपनाए जा रहे उपायों पर चर्चा की।इस बाबत उन्होंने कहा कि तस्करी एक संगठित अपराध है इसलिए यह गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने इसको रोकने और तस्करी में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई का निर्देश दिया। डीएम ने आगे कहा कि पीडीएस में दी जाने वाली वस्तुओं की तस्करी वाले मामलों में पूर्ति निरीक्षक व विपणन निरीक्षक से आख्या लें। अगर तस्करी की जा रही सामग्री पीडीएस सामग्री है तो अनिवार्य वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करें। अगर वस्तु पीडीएस सामग्री न हो तो उक्त मामलों में कस्टम एक्ट में कार्रवाई की जाए।

जिलाधिकारी ने खाद की तस्करी पर चर्चा करते हुए कहा कि कृषि विभाग सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थापित खाद बिक्री केंद्रों की सूची तैयार करें और उनके द्वारा की जा रही बिक्री के स्टॉक की जांच करें। असामान्य बिक्री पाए जाने पर प्रकरण की पुनः गहन जांच कर कठोर कार्रवाई करें।  डीएम ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थापित मेडिकल स्टोर की सूची तैयार कर औषधि निरीक्षक पुलिस विभाग को उपलब्ध कराएं। इन दुकानों की जांच कर ओवर स्टॉकिंग या अनियमित बिक्री की दशा में कार्यवाही करें। उन्होंने शराब तस्करी रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में प्रवर्तन बढ़ाने का निर्देश दिया। सभी विभागों को परस्पर समन्वय व सहयोग से तस्करी के विरुद्ध प्रभावी उपाय करने को कहा।

पुलिस अधीक्षक डॉ कौस्तुभ ने कहा कि तस्करी पर लगाम लगी है, लेकिन सभी विभागों को मिलकर और ज्यादा कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने सभी संबंधित विभागों को प्राप्त सूचना से एक-दूसरे को अवगत कराने के लिए कहा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अगर कोई अनाधिकृत व्यक्ति किसी विभाग के नाम पर कार्य करता हुआ मिले तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करें।

ग्राम स्तरीय निगरानी समिति का हो गठन

पराली प्रबंधन पर चर्चा करते हुए जिलाधिकारी अनुनय झा ने कहा कि धान की कटाई का समय निकट है। इस वर्ष पराली जलाने से रोकने के लिए ग्राम स्तरीय निगरानी समिति का गठन करें, जिसमें संबंधित विभागों के कर्मी लेखपाल, आशा, ग्राम विकास अधिकारी सदस्य होंगे। इस विषय में उन्होंने व्यापक तौर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए भी कहा। इस संदर्भ में ब्लॉक स्तर पर बैठक कर अगले तीन से चार दिनों में उनके प्रशिक्षण कराने का निर्देश देने के साथ ही न्यूनतम 1 हजार टन भूसे की खरीद गोशालाओं के लिए करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने पराली के वैकल्पिक उपायों के प्रचार-प्रसार के लिए भी कहा। बैठक में सीडीओ संतोष कुमार राय, एडीएम डॉ. पंकज कुमार वर्मा, डीसी कस्टम रमाकांत त्रिपाठी, कमांडेंट एसएसबी, सभी एसडीएम बीडीओ व जिला कृषि अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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