*पूर्वांचल राज्य समाचार पीलीभीत ज़िला संवाददाता शबलू खा*
जनपद पीलीभीत में समाजवादी पार्टी की आपसी गुटबाजी ने 2027 के चुनाव के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। पार्टी की मासिक बैठक में दावेदारों की अनुपस्थिति और जिला नेतृत्व के प्रति कार्यकर्ताओं की नाराजगी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। पीलीभीत में समाजवादी पार्टी की मासिक बैठक में दावेदारों की अनुपस्थिति ने सवाल खड़े कर दिए हैं। जबकि क्षेत्र में दावेदारों की होर्डिंग्स लगी हुई हैं, लेकिन मीटिंग में कोई भी दावेदार नहीं दिखा। इससे यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाला अगला चुनाव पीलीभीत समाजवादी पार्टी के लिए ठीक नहीं होगा। पिछले चुनाव में भी पीलीभीत में सपा को औंधे मुंह गिरता हुआ देखा गया है, और अब जिला स्तर के नेतृत्व से कार्यकर्ताओं की नाराजगी ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। सूत्रों की मानें तो जिला नेतृत्व से अंदर से ही कुछ कार्यकर्ता नाराज हैं, जो पार्टी के लिए आने वाले चुनाव में बड़ा खतरा बन सकता है। क्या पीलीभीत में आने वाला चुनाव भी सपा की गुटबाजी की भेंट चढ़ जाएगा? क्या सपा दो गुटों में बढ़ चुकी है ? या सपा का अंदर घात अगले चुनाव में भी देखने को मिलेगा? यह सवाल अब सभी के मन में हैं। फिलहाल, यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि पीलीभीत में समाजवादी पार्टी का भविष्य क्या होगा। लेकिन एक बात तय है कि अगर पार्टी ने अपनी गुटबाजी और नेतृत्व की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो आने वाला चुनाव उसके लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। सूत्रों की माने तो कई कार्यकर्ता जिले स्तर के नेतृत्व से नाराज हैं। जिसके चलते मीटिंगों से बड़े-बड़े चेहरे दिखाई नहीं दे रहे हैं। फिलहाल यह तो समय के गर्भ में ही कैद है कि आने वाला चुनाव सपा के लिए कैसा साबित होगा।
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