पूर्वांचल राज्य ब्यूरो महराजगंज
घुघली पल्टू मिश्रा
शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन योजना बनाई है। जल ही जीवन है इस सूत्रवाक्य को लेकर ही इस योजना को अभियान के रूप में पूरा करने मिशन का नाम दिया गया है कि किसी भी गांव में अब ग्रामीणों को पेयजल की किल्लत से न जूझना पड़े। लेकिन इस योजना से गांवों में ग्रामीणों की प्यास बुझ पा रही है, ऐसा लग नहीं रहा है।
आइए ऐसा हम वाक्या घुघली ब्लॉक के नारायनपुर ग्राम सभा में लगे आरो तथा पानी टंकी की बात करते है तो पता चलता है कि सरकार की योजनाओं को विफल करने में विभागी लोगो का ही दोष है।हर बार की तरह वॉटर लेबल नीचे जाने लगेगा। हैंडपंपों और बोर के हलक सूखने लगेंगे। जल जीवन मिशन के कार्यों की पड़ताल की जिसमें जो तस्वीर सामने आई, उससे मिशन के कार्यों की पोल खुलती नजर आई। बिना प्लानिंग काम और भ्रष्टाचार की तस्वीर गुणवत्ता में साफ दिख रही है। नतीजा करोड़ों की लागत से बनी टंकी टेस्टिंग में ही फेल मिली। नल कलेक्शन और प्लेटफार्म सब में कुछ न कुछ खामियां मिली। हद तो यह है कि कई जगह बोर खनन तक नहीं हुए हैं। स्थिति देखकर ऐसा नहीं लगा कि गर्मी में ये इंतजाम ग्रामीणों की प्यास बुझा पाने में सफल साबित होगा।
ऐसा भी …. तीन साल से चल ही रहा निर्माण, नतीजा कुछ नहीं।
जल जीवन मिशन की मंजूरी मिली। 2021 से काम शुरू हुआ। इस तरह देखे तो काम चलते 4साल हो गए लेकिन कहीं भी काम पंचायतों को हैंडओवर नहीं हुआ। अनुबंध के तहत छह माह तक ठेकेदारों को संचालन के बाद पंचायतों को हैंडओवर कराना है। लेकिन योजना में भ्रष्टाचार की दीमक इस तरह से लग चुकी है कि कहीं भी काम मापदंड के खरे नहीं उतर रहा।
ये कैसा निर्माण पानी टंकी ही फेल…
पानी सप्लाई हर पंचायत में पानी टंकी बनाई जा रही है या बन चुकी है। लेकिन ठेकेदार बिना प्लानिंग काम कर रहे हैं। इसका उदाहरण यह है कि टंकी टेस्टिंग में फेल हो रही है।इस गर्मी लोगों की प्यास जल जीवन मिशन से शायद ही बुझ पाएगी।
लोगो ने बताया कि जल जीवन मिशन की ओर सरकार की योजना आगे नहीं पीछे की ओर ले जाता नजर आ रही है।लोगो ने यह भी बताया की यहां मात्र छः माह ही लगभग पानी मिली है लेकिन 3साल से न तो टंकी ही पानी दे रहा है न तो आरो प्लांट तो शुरू से ही विफल पीडीए हुआ है।
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